योगी जी की
पुलिस पहले गैंगरेप के सबूत मिटाती है फिर चार दिन बाद मुकदमा दर्ज करती है
मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही एक्शन में आए योगी आदित्यनाथ के प्रदेश की
स्थिति यह है कि वहां चार ब्राह्मण जाति के लड़के जीतू, बॉबी, रितेश
और प्रवीण पहले एक नाबालिग दलित लड़की का गैंगरेप करते हैं, भाई द्वारा
विरोध करने पर उसकी उंगलियां काटते हैं, पेट में चाकू से 10
बार से ज्यादा वार करते हैं, मरा हुआ जानकर छोड़ जाते हैं और पिता
शिब्बू जब इन घटनाओं को बताने के लिए पुलिस को फोन करते हैं तो इलाके का एसएचओ
पीड़िता के बाप को एक रात हवालात की हवा खिलाकर कुटाई करता है कि तुम अपना केस
वापस लो, मासूम लड़कों को बलात्कार जैसे संगीन आरोप में न फंसाओ, उनकी
जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।
और
जब पिता ऐसा नहीं करता है तो आरोपियों के परिजन 17 वर्षीय नाबालिग
पीड़िता के पिता के घर की छत में छेद करते हैं, उसे बाहर
निकालते हैं, दम भर कुटाई करते हैं और फिर घर लूटकर फूंक
देते हैं। जिसमें दो मोटरसाइकिलों समेत सबकुछ जलकर खाक हो जाता है। साथ ही
आरोपियों के परिजन धमकाते हैं अब राज बदल गया है. भाजपा विधायक अनिल शर्मा भी
हमारा, पुलिस भी हमारी. इस बीच
वाल्मिकी परिवार खेतों—खलिहानों के रास्ते भागते हुए बुलंदशहर जाकर
अपनी जान बचाता है। लूटपाट, आगजनी और जान से मारने की कोशिश के
मामले में मनोज, मनोज की घरवाली,
पंकज,
मुकेश,
मनीष,
नीतू,
सोनू,
राधा
शर्मा, शिवदत्त,
सत्ता,
वीरेंद्र
और सोमू पर मुकदमा दर्ज है। पर एक भी गिरफ्तारी अबतक नहीं हुई है।
जी,
हां।
यही हुआ है यूपी के बुलंदशहर जिला के थाना जहांगिराबाद के कटियावली गांव में।
गांव में तीन घर वाल्मिकी और पूरा गांव ब्राह्मणों का है। 14 मार्च की शाम 7.30
बजे अपने घेर (घर से अलग थोड़ी दूर पर जहां जानवरों को पालते हैं) पर पीड़िता
जानवरों को बांधकर लौटने की ही वाली थी कि चार ब्राह्मण जाति के लड़कों ने उसको
दबोच कर गैंगरेप किया। रेप करने वाले चारों आरोपियों की उम्र 20 से
30 साल के बीच है।
पीड़ित
पक्ष के वकील रणवीर सिंह लोधी बताते हैं, '14 मार्च की घटना
का मुकदमा 18 मार्च को दर्ज हुआ। जहांगीराबाद थाना प्रभारी
श्यामवीर सिंह ने मुकदमा दर्ज करने की बजाए पीड़िता के पिता को ही हवालात में डाल
दिया और मुकदमा नहीं लिखाने पर दबाव बनाने लगे। दो दिन बाद में जब ये लोग मेरे पास
आए तो एसएसपी सोनिया सिंह के हस्तक्षेप पर धारा 376, एसएसटी एक्ट के
तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। हालांकि अब तक चारों में से किसी आरोपी की गिरफ्तारी
पुलिस नहीं कर सकी है। पुलिस ने यह जरूर किया है कि आरोपियों के साथ मिलकर
ज्यादातर सबूत मिटा दिए हैं।'
मुकदमा
दर्ज कराए जाने के बाद पीड़ित परिवार गांव लौटने की हिम्मत नहीं कर पा रहा। मगर
सरकार की ओर से अब तक पीड़ित परिवार के लिए न तो रहने की कोई व्यवस्था, न
सुरक्षा और न ही कोई आर्थिक मदद मिली है। पीड़िता के भाई को बुलंदशहर जिला अस्पताल
से दिल्ली रेफर कर दिया गया है। वहां के डॉक्टरों ने बताया कि पीड़िता के भाई राजा
की हालत नाजुक है, उसे बेहतर ईलाज की जरूरत है।
गौरतलब
है कि 14 मार्च की शाम पीड़िता की चीख सुन उसका भाई राजा उसको बचाने के लिए
दौड़ा आया। भाई को देख चारों ने लड़की को छोड़ उस पर हमला कर दिया। दरिंदों ने
बचाव करते भाई के हाथ की चार उंगलियां काट दीं और 10 बार से ज्यादा
बार चाकू से वार किया। इस जघन्य वारदात की सूचना के लिए पीड़िता के पिता ने रात
में कई बार पुलिस के 100 नंबर पर फोन किया पर कोई नहीं आया।
पीड़िता के पिता शिब्बू अन्य रिेश्तेदारों के साथ बेटे को नजदीकी अस्पताल में ले गए।
जनज्वार डोट कोम
से साभार
1 टिप्पणी:
आज भी कटियावली कांड के पीड़ितों को न्याय नही मिला है। पुलिस और गांव के दबंग आज भी पीड़ित परिवार को परेशान कर रहे हैं।
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