सोमवार, 1 मई 2017

गांव बालू में दलित बस्ती पर हमला । घरों के दरवाजे तोड़कर दलितों को पीटा । एक दर्जन से ज्यादा घायल ।




जिला कैथल के गांव बालू में मई दिवस की सुबह  गुस्साए जाटों ने बाल्मीकि बस्ती पर हमला कर दिया । लाठी, डंडो व तेजधार हथियारों से लैश 100 से ज्यादा हमलावर दलित बस्ती पर टुट पड़े । बस्ती के बाहर खड़े दलित युवकों को ताबड़ तोड़ पीटना शुरू कर दिया । घरों के दरवाजे तोड़ डाले । जमकर पथराव किया । हमलावर गाड़ी ही इंट पत्थर डालकर लाए थे । महिलाओं और लड़कियों के साथ बदतमीजी की । इस हमले में दर्जन से ज्यादा दलित युवकों को चोट लगी है । दलितों के 20-25 घरों में तोड़फोड़ की गई है । मकानों के दरवाजे तोड़ डाले । घरों से निकाल निकाल दलितों को पीटा गया । हमलावर एक मोटरसाईकिल भी उठा कर ले गए । स्थानिय पुलिस चार-पांच दलित युवकों को कलायत सरकारी अस्पताल में भर्ती करवा कर गई थी जिन्हें बाद में हालत गम्भीर होने के कारण कैथल शहर के अस्पताल में रैफर कर दिया गया । संजीव व संदीप दोनों का इलाज फिलहाल यहीं चल रहा है । गांव में दहसत का वातावरण है । लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे । कैथल में दाखिल घायलों ने बताया कि कई घायल लोग अभी भी गांव में ही हैं जो डर के मारे नहीं आ पा रहे । उन्हे भी डाक्टरी सहायता की आवश्यकता है ।
घायलों ने बताया कि हमला सुबह आठ बजे ही हो गया था लेकिन पुलिस साढे नौ बजे गांव में पहुंची और फिर भी हमलावरों की तरफ ही बैठी रही । बड़ी मुश्किल से चार-पांच घायलों को अस्पताल में दाखिल करवाया और अभी तक कोई मुकदमा पुलिस ने दर्ज नहीं किया । एस एच ओ कलायत  से जब यह पूछा कि इस वारदात में अब तक कितने हमलावरों को गिरफ्रतार किया गया है तो उनका जवाब था कि अभी तक इस घटना के संबंध में उनके पास कोई शिकायत नहीं आई है इसलिए कोई केस अभी तक दर्ज नहीं किया गया है । जबकि पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को सुबह से ही है । पुलिस खुद घायलों को उठाकर अस्पताल लाई थी । जिला पुलिस कप्तान के रीडर के अनुसार एक डीएसपी रैंक का अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ गांव में डटा हुआ है । रात नौ बजे तक भी कोई पुलिस अधिकारी घायलों के ब्यान दर्ज करने कैथल के सरकारी अस्पताल नहीं पहुंचा था ।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि तीन महिने पहले भी दलित समाज के युवकों ने एससी/एसटी आयोग को एक लिखित शिकायत दी थी कि जाट जाति के कुछ बदमास किस्म के लोग दलित बस्ती में आकर रौब जमाते है और दलित महिलाओं पर बूरी नियत रखते हैं । यह शिकायत पुलिस थाना कलायत ने यह कह कर वापस करवा दी कि तकनीकी आधार पर यह एक कमजोर शिकायत है । दलितों ने पुलिस के दबाव में उक्त शिकायत वापस ले ली ।
हाल ही में दो दलित युवकों संजीव व मोहन लाल ने वर्तमान सरपंच के खिलाफ एक लिखित शिकायत सीएम विन्डो के माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय को दी जिसमें उन्होनें आरोप लगाया कि ग्राम सरपंच रमेश कुमार का दसवीं का प्रमाण-पत्र फर्जी है । इसकी जांच का जिम्मा जिला शिक्षा अधिकारी कैथल को सौंपा गया । जांच अभी चल रही है । 27 अप्रैल के पंजाब केसरी के स्थानीय संस्करण में इसी शिकायत के संबंध में एक समाचार छपा जिसमें सरपंच के दसवीं के प्रमाण-पत्र पर उंगली उठाई गई थी । दलित युवकों की यह हिम्मत जाट सरपंच बरदाश्त नही कर सका । इसलिए अल सुबह लाठी,डंडों व तेजधार हथियारों से लैश उन्मादी बदमासों को लेकर दलित बस्ती पर टूट पड़ा । दो गंभीर रूप से घायलों में एक शिकायत कर्ता संजीव है जिसकी दोनों बाजूओं की हड्डियां तोड़ डाली गई है । घायलों ने बताया कि हमलावर उसको मरा हुआ समझकर छोड़ कर गए हैं ।
गांव में दहसत है । महिलाएं डरी हुई हैं । पुलिस गांव में तैनात है । लेकिन उत्पीडि़त दलितों की बस्ती में नहीं बल्कि पुलिस हमलावर जाटों के बगड़ में बैठी है ।

कैथल शहर के विभिन्न दलित कार्यकर्ता, जनवादी एवं प्रगतिशील संगठनों के नेता व पदाधिकारी देर शाम सरकारी अस्पताल कैथल में घायलों से मिले । मामले की जानकारी लेने के लिए एसपी कैथल से मिलने के लिए उनके निवास पर गए लेकिन जिला पुलिस कप्तान अपने निवास पर ना मिल सके । जनसंघर्ष मंच हरियाणा के नेता फूल सिहं ने बताया कि कल 2 मई को एसपी कैथल से मिलने का कार्यक्रम हैं । ताकि हमलावरों की गिरफ्रतारी एवं दलित महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके ।

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