रविवार, 14 मई 2017

सहारनपुर दलित विरोधी दंगों के विरोध में कैथल में रोष प्रदर्शन । न्यायिक जांच की मांग ।





सहारनपुर में दबंग लोगों व युपी सरकार के गठजोड़ से हुई दलित विरोधी घटनाओं के विरोध में हरियाणा के कैथल शहर में विभिन्न दलित संगठनों ने रोष प्रकट किया । उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की निंदा करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार एक समुदाय विशेष की गुंडागर्दी को बढावा दे रही है । सहारनपुर में जब दलित समाज के घर जलाए जा रहे थे तो पुलिस वहां मौजूद थी । राजपूत जाति के स्थानीय विधायक की निगरानी में दलित समाज के घर जलाए गए ।रोष प्रदर्शन में आए अधिवक्ता रजत कंसल ने कहा कि इस घृणित घटना की जांच उच्चत्तम न्यायालय के जज द्वारा करवाई जानी चाहिए । दलितों को अपना बचाव करने के लिए शस्त्रें के लाईसेंस बनाने चाहिए । घटना में पीडि़त परिवारों को 50-50 लाख रूपए मुआवजा व एक-एक सरकारी नौकरी देनी चाहिए । रजत कंसल ने मांग की कि उत्तरप्रदेश सरकार सहारनपुर जिला को दलित उत्पीड़न प्रभावित जिला घोषित करें तथा एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों के अनुसार दोषियों के खिलाफ कारवाई की जाए । दलित कार्यकर्ता रमेश कुतुबपुर ने कहा कि  एक योजनाबद्ध तरीके से दलित समाज को निशाना बनाया जा रहा है । तथा इन हमलों को जवाब समस्त दलित समाज को एक होकर देना होगा । अलग अलग रहकर इन हमलों का मुकाबला नहीं किया जा सकता । रमेश कुतुबपुर ने जोर देकर कहा कि सामाजिक उत्पीड़न के खिलाफ जुझारू आंदोलन खड़ा करना चाहिए, ये बहुत जरूरी है लेकिन दलित वर्ग की आर्थिक मोर्चे की मांगों पर संघर्ष करना जरूरी है । रोष प्रदर्शन में हरियाणा प्रदेश के कोने कोने से आए प्रवीण बड़सी, सोनू आरजे जैसे मीशनरी गायक एवं सांस्कृतिक कर्मियों ने भी भाग लिया । भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद सहित विभिन्न सामाजिक नेताओं पर उत्तरप्रदेश की कट्टरपंथी हिंदूवादी सरकार द्वारा रासुका जैसे काले कानून थोपने की निंदा की तथा उनको बिना शर्त रिहा करने की मांग की ।

1 टिप्पणी:

Unknown ने कहा…

साथियों हमें एकजुट होकर लङाई लङनी होगी