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Sanjeev |
ग्राम पंचायत गादड़ा पट्टी बालू के सरपंच रमेश कुमार को तुरन्त गिरफ्तार करो।
एससी एसटी एक्ट में नामजद आरोपी सरपंच रमेश कुमार को तुरन्त
सस्पैंड करो ।
1
मई को गांव बालू की दलित बस्ती पर हमला करने वाले सभी नामजद व अज्ञात दोषियों को गिरफ्तार करो ।
दोषियों का बचाव करने वाले
एसएचओ कलायत व मुकदमा के आईओ डीएसपी सतीश गौतम के खिलाफ विभागीय कारवाई कारवाई करो
।
साथियों
बालू
दलित उत्पीड़न कांड को जिला प्रशासन दबाना चाहता है । स्थानीय मीडिया को भी बालू
नहीं जाने दिया गया । इस घटना की जितनी भी खबरें मिडिया में आई हैं उनमें आरोपी
सरपंच या स्थानीय प्रशासन का पक्ष या दृष्टिकोण ही हावी रहा । मीडिया लगातार यह
समाचार छाप रहा है कि दलितों युवकों ने ही सरपंच पर हमला किया । एक शिकायत भी दलित
युवको के खिलाफ थाना कलायत में सरपंच पक्ष ने दे रखी है । शायद कोई एफआईआर भी
दलितों के खिलाफ दर्ज हो गई हो क्योंकि 9
मई को कलायत में केद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिहं आ रहे हैं । इसलिए पुलिस विभाग
ग्राम सरपंच की इस इस घृणित करतूत को उजागर नहीं होने देना चाहता ।
अब
तक इस घटना में शामिल केवल दो आरोपियों को 5
मई को गिरफ्रतार किया गया है । कल गांव से समाचार मिला है कि जाटों की खाप पंचायत
की बैठक गाांव बालू में हुई थी । दोषी सरपंच इस बैठक को चला रहा था । ये बड़े शर्म
की बात है कि उस बैठक में इस मुकदमा के आईओ डीएसपी सतीश गौतम व एसएचओ कलायत भी
शामिल थे । इस पंचायत में दलित समाज के
खिलाफ आगामी कारवाई करने की रणनीति बनाई गई है । जाटों की इस बैठक में यह निर्णय
लिया गया कि जैसे भी हो इस मामले में समझौता करवाया जाए । जब पुलिस खुद आरोपियों
के साथ मिलकर समझौता का दबाव बना रही है तो ऐसे में पुलिस से न्याय की उम्मीद करना
बेकार है । दलित समाज के ही चंद बिचौलिए व दलाल अपने ही भाईयों पर राजीनामा करने
का दबाव बना रहे हैं । इसी प्रकार कैथल जिला के ही और गांव उझाना में भी दबगं जाति
के एक रसूखदार आरोपी को भी जिला पुलिस नहीं पकड़ रही है जिसके खिलाफ एससी/एसटी
एक्ट के तहत अप्रैल में केस दर्ज किया गया था ।
जूल्म
से डरकर बैठना व उसके आगे आंखें बंद कर लेना कोई समाधान नहीं है । अगर दलित समाज
अपने जानमाल की सुरक्षा चाहता है तो उसके पास लड़ाई लड़ने के अलावा कोई चारा नहीं
है । यह किसी एक अकेले पीडि़त या किसी अकेली दलित जाति विशेष का मामला नहीं हैं
बल्कि इससे भी बढ़कर यह पूरे दलित समाज की लड़ाई है । बाबा साहब डॉक्टर अम्बेडकर
ने घृणित जाति प्रथा को जड़ से समाप्त करने का सपना देखा था । जब तक यह जालिम जाति
प्रथा समाप्त नहीं हो जाती, दलित समाज के मान
सम्मान की यह लड़ाई जारी रहेगी व अवश्य रहनी चाहिए ।
बालू गांव के दलित जूल्मी सरपंच व उसके उच्च
जातिय घमंड को चूर-चूर करने के लिए चट्टान बनकर कर खड़े हो गए हैं । इसलिए हम सबका
भी कर्त्तव्य बनता है कि हम भी इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाएं । सारे
देश में दलित जातियों पर हमले बढ़ रहे हैं । हरियाणा में दलित जाति के लोगों पर
हमले हो रहे हैं । युपी में भाजपा के नेताओं की अगुआई में दलितों के घरों में आग
लगाई जा रही है । दलित मां बहनों की आबरू असमत तार तार की जा रही है । सत्ता के
नशे में चूर भाजपा के नेता दलित हितैषी होने का ढोंग कर रहे हैं ।
दिनांक 10
मई 2017
को दलित समाज व दलित उत्पीड़न का विरोध करने वाले विभिन्न दलित एवं जनवादी संगठनों
की तरफ एक विशाल विरोध प्रदर्शन जिला मुख्यालय कैथल पर आयोजित किया जा रहा है ।
सभी दलित एवं जनवादी संगठनों, विपक्षी राजनीतिक
पार्टियों, समाज
कल्याण एवं मानवाधिकार संगठनों और लोकतांत्रिक विचारधारा में विश्वास रखने वाले
व्यक्तियों से अपील है कि केन्द्र व हरियाणा प्रदेश की भाजपा सरकारों की दलित
विरोधी नीतियों का भंडाफोड़ करने के लिए विरोध प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर भाग लें ।
दिनांक 10
मई 2017 समय सुबह 11 बजे
जिला मुख्यालय कैथल
निवेदक
जन संघर्ष मंच हरियाणा भारत
नौजवान सभा हरियाणा जन कल्याण सोसायटी हरियाणा युथ
फोर चेंज नरवाना
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