रविवार, 7 मई 2017

अपील-आओ बालू गांव के दलितों के साथ खड़े हों



Sanjeev
ग्राम पंचायत गादड़ा पट्टी बालू के सरपंच रमेश कुमार को तुरन्त गिरफ्तार करो।

एससी एसटी एक्ट में नामजद आरोपी सरपंच रमेश कुमार को तुरन्त सस्पैंड करो ।
1 मई को गांव बालू की दलित बस्ती पर हमला करने वाले सभी नामजद व अज्ञात दोषियों को गिरफ्तार करो ।
दोषियों का बचाव करने वाले एसएचओ कलायत व मुकदमा के आईओ डीएसपी सतीश गौतम के खिलाफ विभागीय कारवाई कारवाई करो ।


साथियों
      बालू दलित उत्पीड़न कांड को जिला प्रशासन दबाना चाहता है । स्थानीय मीडिया को भी बालू नहीं जाने दिया गया । इस घटना की जितनी भी खबरें मिडिया में आई हैं उनमें आरोपी सरपंच या स्थानीय प्रशासन का पक्ष या दृष्टिकोण ही हावी रहा । मीडिया लगातार यह समाचार छाप रहा है कि दलितों युवकों ने ही सरपंच पर हमला किया । एक शिकायत भी दलित युवको के खिलाफ थाना कलायत में सरपंच पक्ष ने दे रखी है । शायद कोई एफआईआर भी दलितों के खिलाफ दर्ज हो गई हो  क्योंकि 9 मई को कलायत में केद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिहं आ रहे हैं । इसलिए पुलिस विभाग ग्राम सरपंच की इस इस घृणित करतूत को उजागर नहीं होने देना चाहता ।
      अब तक इस घटना में शामिल केवल दो आरोपियों को 5 मई को गिरफ्रतार किया गया है । कल गांव से समाचार मिला है कि जाटों की खाप पंचायत की बैठक गाांव बालू में हुई थी । दोषी सरपंच इस बैठक को चला रहा था । ये बड़े शर्म की बात है कि उस बैठक में इस मुकदमा के आईओ डीएसपी सतीश गौतम व एसएचओ कलायत भी शामिल थे । इस पंचायत में  दलित समाज के खिलाफ आगामी कारवाई करने की रणनीति बनाई गई है । जाटों की इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जैसे भी हो इस मामले में समझौता करवाया जाए । जब पुलिस खुद आरोपियों के साथ मिलकर समझौता का दबाव बना रही है तो ऐसे में पुलिस से न्याय की उम्मीद करना बेकार है । दलित समाज के ही चंद बिचौलिए व दलाल अपने ही भाईयों पर राजीनामा करने का दबाव बना रहे हैं । इसी प्रकार कैथल जिला के ही और गांव उझाना में भी दबगं जाति के एक रसूखदार आरोपी को भी जिला पुलिस नहीं पकड़ रही है जिसके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत अप्रैल में केस दर्ज किया गया था ।
      जूल्म से डरकर बैठना व उसके आगे आंखें बंद कर लेना कोई समाधान नहीं है । अगर दलित समाज अपने जानमाल की सुरक्षा चाहता है तो उसके पास लड़ाई लड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है । यह किसी एक अकेले पीडि़त या किसी अकेली दलित जाति विशेष का मामला नहीं हैं बल्कि इससे भी बढ़कर यह पूरे दलित समाज की लड़ाई है । बाबा साहब डॉक्टर अम्बेडकर ने घृणित जाति प्रथा को जड़ से समाप्त करने का सपना देखा था । जब तक यह जालिम जाति प्रथा समाप्त नहीं हो जाती, दलित समाज के मान सम्मान की यह लड़ाई जारी रहेगी व अवश्य रहनी चाहिए ।
       बालू गांव के दलित जूल्मी सरपंच व उसके उच्च जातिय घमंड को चूर-चूर करने के लिए चट्टान बनकर कर खड़े हो गए हैं । इसलिए हम सबका भी कर्त्तव्य बनता है कि हम भी इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाएं । सारे देश में दलित जातियों पर हमले बढ़ रहे हैं । हरियाणा में दलित जाति के लोगों पर हमले हो रहे हैं । युपी में भाजपा के नेताओं की अगुआई में दलितों के घरों में आग लगाई जा रही है । दलित मां बहनों की आबरू असमत तार तार की जा रही है । सत्ता के नशे में चूर भाजपा के नेता दलित हितैषी होने का ढोंग कर रहे हैं ।
दिनांक 10 मई 2017 को दलित समाज व दलित उत्पीड़न का विरोध करने वाले विभिन्न दलित एवं जनवादी संगठनों की तरफ एक विशाल विरोध प्रदर्शन जिला मुख्यालय कैथल पर आयोजित किया जा रहा है । सभी दलित एवं जनवादी संगठनों, विपक्षी रानीतिक पार्टियों, समाज कल्याण एवं मानवाधिकार संगठनों और लोकतांत्रिक विचारधारा में विश्वास रखने वाले व्यक्तियों से अपील है कि केन्द्र व हरियाणा प्रदेश की भाजपा सरकारों की दलित विरोधी नीतियों का भंडाफोड़ करने के लिए विरोध प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर भाग लें ।

दिनांक 10 मई 2017  समय सुबह 11 बजे
जिला मुख्यालय कैथल

निवेदक

जन संघर्ष मंच हरियाणा भारत नौजवान सभा हरियाणा जन कल्याण सोसायटी हरियाणा युथ फोर चेंज नरवाना

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